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Game Plan- Create Dissention in each Group that Voted for Modi
From WahtsApp by Pankaj Ojha
मई 2014
मोदीजी pm बन गए
रिपोर्ट आई की
इस बार मोदी को
एक तरफ़ा वोट मिला
1) नोजवानों से ,
खासकर कॉलेज छात्रों से
2) कमजोर तबकों से,
खासकर दलितों से
3) हिन्दू समाज से,
खासकर मध्यम वर्ग से
4) गुजराती लोगों से,
खासकर पटेलों से
5) मुस्लिम समाज से,
खासकर गरीब मुस्लिम से
6) महिलाओं से,
खासकर धर्मप्रेमी महिलाओं से
7) व्यापारी वर्ग से,
ख़ासकर छोटे मझोले वर्ग से
8) देश के थिंकटैंक से,
खासकर बुद्धिजीवी वर्ग से
ऐसे कई कई वर्गों ने अपनी
पुश्तैनी राजनीतिक निष्ठां
को दरकिनार कर मोदी को
वोट दिया। कश्मीर से
कन्याकुमारी तक यही देखने में
आया।
हर राजनीतिक दल इसे महसूस कर
पाया,
पुरे भारतवर्ष में।
इसका तोड़ निकाला गया।
नतीजा आज आपके सामने है।
हर उस वर्ग को सबसे पहले
चिन्हित किया गया जिसने
मोदी को एक तरफ़ा वोट
दिया। फिर उस वर्ग की
“दुखती नस” मार्क की गई और
खेल शुरू हुआ।
बेहद सटीक और बारीकी से
चुन चुन कर इन वर्गों को टारगेट
करना शुरू हुआ।
किरदार लिखे गए और
हर वर्ग को एक टार्गेटेड
किरदार दिया गया।
उसकी टाईमिंग तय की गई।
और अपने हाथ में रिमोट रखा
प्रमुख विपक्षी दल ने ।
भांड मीडिया इसमें अहम रोल
अदा करने वाला था।
मकसद इन सबका एक था-
हर वर्ग को तोडना,
हर वर्ग को जहर से भरना,
हर वर्ग को छिन्न भिन्न करकें
रखना ,
ताकि फिर वो भविष्य में,
कभी एक होकर,
मोदी को वोट ना दे
अब आप खुद इस बड़े से खेल को
समझिये,
इनकी परफेक्ट टाइमिंग को
समझिये,
इनके वेल प्लेसड किरदारों को
देखिये,
बेहद खूबसूरत स्क्रिप्ट को
पढ़िए। हर बयान की एक परफेक्ट
टाइमिंग
स्पष्ट रखी दिखेगी।
1) नोजवानों के लिए
JNU वाला उमर खालिद
किरदार
2) दलित वर्ग के लिए
रोहित वेमुला वाला किरदार
3) हिन्दू वर्ग के लिए
फ़िल्मी खान वाला किरदार
4) गुजरती पटेलों के लिए
हार्दिक पटेल वाला किरदार
5) मुस्लिमो के लिए
अख़लाक़ वाला किरदार
6) महिलाओं के लिए
शनि शिंगापुनकर वाली
किरदार
7) व्यापारी वर्ग के लिए
GST वाला किरदार
8) बुद्धिजीवी वर्ग के लिए
असहिष्णडू वाला किरदार
मजे और आश्चर्य की बात यह की
इसमें नया कुछ भी नही है। वर्षो
से समाज में चली आ रही
बुराइयों को ही आधार बनाया
गया है।
सिर्फ मोहरे बदल कर
नए वो किरदार लाये गए हैं
जो जवान है
जोश से भरपूर हैं।
ये तो बानगी है उन किरदारों
की अब तक सामने आ गए हैं।
भविष्य में और भी सामने आएंगे ,
अपनी परफेक्ट
स्क्रिप्ट और टाइमिंग के साथ।
आपको ,
हमको ,
हिंदुस्तान,
को तोड़ने की साजिश के साथ।
सजग रहिएगा
होश से काम लीजिएगा
अपने विवेक को
मरने न दीजियेगा
अपनी एकता बनाये रखना
किसी भी उकसावे में न फँसना
हम “अनेक” थे
हम “अनेक” हैं
हम “अनेक” ही रहेंगे
अपनी इसी
“अनेकता में एकता”
में हमारी ताकत और
सुनहरा भविष्य निहित है
हमारी सोच और कल्पना से भी
आगे/बड़े ,
इस गेमप्लान की हवा को,
सिर्फ हमारी
शालीन ,गरिमापूर्ण,
मजबूत एकता से ही निकला जा
सकता है।
धीरज संयम रखकर,
मोदीजी को आपका और आपके
बच्चों का
सुनहरा भविष्य बनाने का
मौका दीजिये
क्योंकि वे अब तक की हर
अग्निपरीक्षा में सफल हुए हैं
My comments: BEWARE of the Wolves. Stay United. 2019 battle has already started. Take this message to every home and also to BJP leaders in your area.
An Open Letter to Rahul Gandhi
Source Unknown. WhatsApp by Hiren Megha
🙏कोई पहुंचा दो मेरा ये ख़त 🙏
प्रति,
राहुल गांधी
सांसद/ महासचिव
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राहुल जी, आज आप का #JNU में दिया भाषण सुना और मजबूर हुआ ये पत्र लिखने को।आज आपने महज दो हजार छात्रो के सामने ही भाषण नहीं दिया बल्कि आपने छात्र के लिबास में वहां घूम रहे राष्ट्र विरोधी ताकतों को भी सम्बल प्रदान कर दिया कि हिंदुस्तान मुर्दाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पर उस राजनैतिक दल को कोई आपत्ति नहीं है जिसने आजादी के बाद 60 सालो तक इस देश की कमान संभाली है और भविष्य में भी इस देश की कमान सँभालने को अपना स्वाभाविक हक़ मानती है।
राहुल,आपने #JNU में कहा कि छात्रो की आवाज दबाने वाला सबसे बड़ा राष्ट्रद्रोही है। आपका मतलब हिंदुस्तान की न्यायपालिका ने आप की ही सरकार के दौरान जिस आतंकवादी अफजल गुरु को फाँसी दी थी उसको नाजायज मान कर उसे शहीद का दर्जा देने वाले राष्ट्रद्रोही पर अगर सरकार कार्यवाही करती है तो क्या वो सरकार राष्ट्रद्रोही सरकार है।
#Rahulgandhi जी आप ने कहा कि युवा अपनी बात कहते है तो सरकार उन्हें देशद्रोही कहती है। आप का मतलब है कि “कितने अफजल तुम मारोगो-हर घर से अफजल निकलेगा” के नारे लगाने वाले और… “हमको चाहिए आजादी” के नारे लगाने वालो को सरकार ताम्रपत्र से सम्मानित करना था ?
रोलिंस कालेज से स्नातक और केम्ब्रिज विश्वविद्यालय से मिली एम्फिल की डिग्री आप को किस पढाई पर मिली मैं ये नही जानता पर इतना जरूर लगता है कि आज का आप का भाषण न आपकी दादी स्व.इंदिरा गांधी को पसंद आया होगा और न आप के पिता स्व.राजीव गांधी को।उन्हें भी आज शायद यही लगा होगा की उन्हें आप को हिंदुस्तान के किसी सरकारी स्कूल में पढ़ाना था जहाँ और कुछ पढ़ाया जाय या न पढ़ाया जाय… राष्ट्रभक्ति के भाव और उसका प्रकटीकरण जरूर सिखाया जाता है।
आप मेरी इस समीक्षा को मेरे भाजपाई होंने से जोड़ कर प्लीज ख़ारिज मत कीजियेगा। हाँ मैं हूँ भाजपाई….#BJP …। पर भाजपाई होने से पहले एक हिंदुस्तानी हूँ और आप ने आज मेरे जैसे करोडो हिन्दुस्तानियो का दिल दुखाया है।हिंदुस्तान को गाली और पाकिस्तान के लिए दुआ मांगने वालो के साथ आप का खड़ा होना वाकई एक सच्चा हिंदुस्तानी होने की वजह से शर्म से आज मेरा सर झुक गया।
आज आपके एक भाषण ने वो कर दिया जो पाकिस्तान की पूरी आईएसआई और सैकड़ो हाफिज सईद नहीं कर पाये…। वो है हम हिंदुस्तानियो का मनोबल तोड़ना…देश के सैनिको के मन में इस प्रश्न को पैदा करना कि वो अपनी जान की बाजी किसके लिए और क्यों लगा रहे है..?
मैंने सीताराम येचुरी को कोई पत्र नहीं लिखा क्यों कि वो वही कह रहे है जिसकी मुझे उनसे उम्मीद थी…पर आप से इस भाषण की उम्मीद नहीं थी मुझे।#sitaramyechury
राहुल जी..आप नरेंद्र मोदी से नफरत कीजिये वो आप का हक़ है पर..देश से आप प्यार करेंगे ये तो उम्मीद हम रख सकते है न…..आप भारतीय जनता पार्टी को खूब भला बुरा बोलिये…वो भी आप का हक़ है मगर…राहुल जी… देश को भला बुरा बोलने वालो के साथ आप नहीं खड़े होंगे ये उम्मीद तो हम रख ही सकते है न…फिर क्यों…आखिर क्यों..??
राहुल जी #JNU मामले में आप दो दिन चुप रहे तो लगा कि आप भी भारत जिंदाबाद करने वालो के साथ है…मगर जब आपने बोला तो अफसोस… आपने देश को आतंकवाद के मामले में दो भाग में बाँट दिया…।
भारत की विश्व भर में आतंकवाद के मुद्दे पर छेड़ी गई लड़ाई को घरेलू मोर्चे पर ही आपने कमजोर कर दिया।
जरा सोच के देखियेगा कि आप के एक भाषण ने कश्मीर मुद्दे पर भारत को कितनी क्षति पहुचाई है ?
इशरत जहाँ आतंकवादी थी ये हेडली की गवाही से एक बार फिर साबित हुआ है। अब आप अपनी और अपनी पार्टी के पिछले बयानों और क्रियाकलापो पर चिंतन कीजिए। नफरत के हद तक मोदी विरोध की तीब्र इच्छा और प्रयास ने आप को देश द्रोहियो के कवच-कुंडल की तरह तो नहीं खड़ा कर दिया है…? चिंतन कीजिये
मुझे आप की राष्ट्रभक्ति पे प्रश्नचिन्ह लगाने का कोई हक़ नहीं है और न मैं कोई प्रश्नचिन्ह लगा रहा हूँ…। मुझे आपकी राष्ट्रभक्ति के प्रकटीकरण के उस तरीके पर एतराज है जो दुश्मनो का मनोबल बढाये और राष्ट्रभक्तो का मनोबल तोड़े। ये तब भी होता है जब देश का प्रधानमंत्री विश्व मंच पर आतंकवाद के खात्मे का नारा दे कर पूरे विश्व को एक करता है और उसके घर लौटने से पहले आप उसकी छिछालेदर में जुट जाते है।
दिग्विजय सिंह की क्लास में जहाँ आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को “ओसामा जी” कह कर बुलाने की शिक्षा दी जाए वो क्लास ठीक नहीं है।
राहुल जी अभी एक न्यूज़ चॅनल ने दिल्ली में सर्वे कराया जिसमे उसने आप की लोकप्रियता सात प्रतिशत बताई।मुझे लगता है कि यह आंकड़ा दिल्ली में आपकी पार्टी को मिलने वाले व्होट प्रतिशत से भी बेहद कम है।आप और आपकी पार्टी ने इस सर्वे को नकारा नहीं है। तो अगर ये सर्वे सही है तो भाजपाई हो कर भी मेरी सलाह है कि आप अपने काम करने का बाकी तरीका बदले या न बदले मगर अपनी राष्ट्रभक्ति के प्रस्तुतिकरण के तरीके पर आत्मचिंतन अवश्य कीजिये।क्यों कि अगर आपके इस प्रगटीकरण और भाषण से हाफिज सईद और जकी उर रहमान लखवी पाकिस्तान में बैठ कर खुश हो रहे है तो कही न कही कुछ गड़बड़ जरूर है…।
और कुछ नहीं तो अपने भाषण लिखने वाले को तो आज ही बदल डालिये.. प्लीज ….
भवदीय
एक राष्ट्रभक्त